● वार्ता और सहमित के बाद भी नही हो रहा समस्याओं का निस्तारण
लखनऊ,16 जुलाई 2023। राष्ट्रीय डिप्टी जनरल सेक्रेटरी अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी चतुर्थ श्रेणी महासंघ सुरेश सिंह यादव देष और राज्य की सरकारों पर चतुर्थ श्रेणी कार्मिको के प्रति उदासीनता का रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि हर राज्य एवं केंद्र सरकार के अधिनस्थ विभागों में लम्बे अरसे से चतुर्थ श्रेणी के कार्मिकों की भर्ती न किए जाने से संवर्ग समाप्ति का खतरा उत्पन्न हो गया है। उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिग के माध्यम से सरकारी स्तर पर चतुर्थ पदों पर जिन लोगों से काम लिया जा रहा है उनको मानको के अनुरूप न तो वेतन रहा है न ही अन्य सुविधाए दी जा रही है। उनका कहना है कि अगर कानून और राज्य सरकारें पूर्व की भार्ति चतुर्थ श्रेणी संवर्ग में भर्ती करे तो कम से कम देश से 20 प्रतिशत बेरोजगारी खत्म हो जाएगी। इससे सरकार की प्राथमिकता भी पूरी होगी। उन्होंने उत्तर प्रदेश के परिपेक्ष में कहा कि कई बसा प्रमुख सचिव कार्मिक से वार्ता में 10 बिंदुओं पर सहमति बनने के बाद भी अब तक न कार्यवाही जारी की गई न कोई कार्रवाई की गई। प्रदेश के समस्त विभागों में स्वास्थ्य विभाग, कलेक्टेड, समाज कल्याण, कृषि विभाग, सिंचाई विभाग, वाणिज्य कर विभाग, शिक्षा विभाग, सचिवालय, पीडब्ल्यूडी, खाद रसद, खनिज विभाग, ऐसी मुख्य विभागों में हजारों की संख्या में पद रिक्त पड़े हैं। कर्मचारियों की कमी होने के कारण उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। एक एक कर्मचारी को कई अधिकारियों के साथ कर कार्य करना पड़ रहा है। कोरोना काल में रोके गए राज्य सरकार के राजस्व बढ़ोतरी के दावे के बावजूद अब तक नही दिये जा रहे है।पुरानी पेंषन को लेकर देश का कर्मचारी समाज सड़को पर उमड़ा है लेकिन सरकार ऑख और कान बंद करके बैठी है। उन्होंने केन्ć और राज्य सरकारों को आगह किया है कि आगामी लोकसभा चुनाव करीब है ऐसे में अगर सरकार ने कर्मचारियों और शिक्षक समाज की मांगों पर विचार नही किया जो इसका असर लोकसभा चुनाव में दिखाई देगा।